Love Poem : Kya Tumhe Pahla Sparsh Yaad Hain
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क्या तुम्हें पहला स्पर्श याद हैं..?
जब हमारी हथेलियां 👫 टकरायी थी। मेरे समूचे बदन में सिहरन सी दौर गयी थी। तुम्हारी छोटी उंगुलिया मेरी उंगलियों में फसी कुछ टटोल रही थी। तुम थोरी देर शांत 👩 रही और कुछ दूर चलने पर कहा – “हमेशा रहूंगी तुम्हारे साथ”। सच कहूँगा उस दिन मैं थोरा था सरमाया। उस पल मुझे भी कहना था तुमसे बहुत कुछ पर कुछ कह न पाया। तुम्हें पता हैं, उस पल आँखों की तुम्हारी गहराई मुझे डुबाये जा रही थी, मैं थोरा नर्वश था और तुम गुनगुनाये जा रही थी। तुमने ज्यादा कुछ नहीं कहा पर तुम्हारी हाथो कि पकड़ ने सारा बातों को बयां कर दिया। आज भी उस पल को याद कर मैं विभोर हो उठता हूँ। प्रिय क्या तुम फिर से वही पहला स्पर्श दे सकती हो मुझे .? मैं तुम्हारे इंतज़ार में हूँ।