Dard Shayari

Dard Shayari : Khud Ko Is Tarah Tabah Kiya

Hindi Dard Shayari : Khud Ko Is Tarah Tabah Kiya

Hindi Dard Shayari
Hindi Dard Shayari
क्या बताऊँ अपना हाल ए दिल मैं तुम्हें,
देखूं जिधर बस एक ही नूर नज़र आये,
अब बता भी दो दवा ए दर्द क्या है इसकी,
या फिर किसी जाल में फसाया है तुमने हमें।
मज़बूरी में जब कोई जुदा होता है,
ज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है,
देकर वो आपकी आँखों में आँसू,
अकेले में वो आपसे ज्यादा रोता है।
खुद को कुछ इस तरह तबाह किया,
इश्क़ किया क्या ख़ूबसूरत गुनाह किया,
जब मुहब्बत में न थे तब खुश थे हम,
दिल का सौदा किया बेवजह किया।
बेताब से रहते हैं उसकी याद में अक्सर,
रात भर नहीं सोते हैं उसकी याद में अक्सर,
जिस्म में दर्द का बहाना सा बना कर,
हम टूट कर रोते हैं उसकी याद में अक्सर।
ना हम रहे दिल लगाने के क़ाबिल,
ना दिल रहा गम उठाने के क़ाबिल,
लगा उसकी यादों से जो ज़ख़्म दिल पर,
ना छोड़ा उस ने मुस्कुराने के क़ाबिल।
दर्द दे कर इश्क़ ने हमे रुला दिया,
जिस पर मरते थे उसने ही हमे भुला दिया,
हम तो उनकी यादों में ही जी लेते थे,
मगर उन्होने तो यादों में ही ज़हर मिला दिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please Disable Adblock And Support Us.