2 Line Shayari : Soch Raha Hu Ki Kuchh Aisa Likhu
2 Line Shayari : Soch Raha Hu Ki kuchh Aisa Likhu |
सोच रहा हूँ कुछ ऐसा लिखू की वो..
पढ़ के रोये भी ना और रातभर सोये भी ना।
रुला के जो माना ले वो सच्चा यार है,
ओर जो रुला के खुद आँसू भाए वो सच्चा प्यार है।
अगर तेरी नज़र क़त्ल करने में माहिर है तो सुन,
हम भी.. मर मर के जीने में उस्ताद हो गये है।
लबो पर लफ्ज़ भी अब तेरी तलब लेकर आते हैं,
तेरे जिक्र से महकते हैं तेरे सजदे में बिखर जाते हैं।
एक हसरत थी की कभी वो भी हमे मनाये,
पर ये कम्ब्खत दिल कभी उनसे रूठा ही नही।
काश अपनी भी ऐसी ही एक रात आती,
मैं देखता उसका ख्वाब और वह सच में आ जाती।
बंध जाये अगर किसी से रूह का बंधन,
तो इजहार-ए-इश्क़ को अल्फ़ाज़ की जरूरत नहीं होती।
दोस्तो से रिश्ता रखा करो जनाब तबियत मस्त रहेगी,
ये वो हक़ीम हैं जो अल्फ़ाज़ से इलाज कर दिया करते हैं।
ज्यादा ख्वाहिशें नही है तूझसे ऐ जिंदगी,
बस एक एहसान कर दे कि हर अगला कदम पिछले से बेहतर हो।
दिल लगाना छोड़ दिया हमने आंसू बहाना छोड़ दिया हमने,
बहुत खा चुके धोखा प्यार में मुस्कुराना इसलिए छोड़ दिया हमने।