Dard Shayari

Dard Shayari : Raste Wahi Honge Aur Najare Wahi Honge

Dard Shayari : Raste Wahi Honge Aur Najare Wahi Honge

New Dard Shayari
New Dard Shayari
वफ़ा पर हमने घर लुटाना था लेकिन,
वफ़ा लौट गयी लुटाने से पहले,
चिराग तमन्ना का जला तो दिया था,
मगर बुझ गया जगमगाने से पहले।
रास्ते वही होंगे और नज़ारे वही होंगे,
पर हमसफ़र अब हम तुम्हारे नहीं होंगे।
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है,
जिसका रास्ता बहुत खराब है,
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा,
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।
देख कर मेरा नसीब मेरी तक़दीर रोने लगी,
लहू के अल्फाज़ देख कर तहरीर रोने लगी,
हिज्र में दीवाने की हालत कुछ ऐसी हुई,
सूरत को देख कर खुद तस्वीर रोने लगी।
तेरी याद में आंसुओं का समंदर बना लिया,
तन्हाई के शहर में अपना घर बना लिया,
सुना है लोग पूजते हैं पत्थर को,
इसलिए तुझसे जुदा होने के बाद दिल को पत्थर बना लिया।
ना मुस्कुराने को जी चाहता है,
ना आंसू बहाने को जी चाहता है,
लिखूं तो क्या लिखूं तेरी याद में,
बस तेरे पास लौट आने को जी चाहता है।
हर घडी एक नाम याद आता है,
कभी सुबह, कभी शाम याद आता है,
सोचते हैं हम कि कर लें फिर से मोहब्बत,
फिर हमें मोहब्बत का अंजाम याद आता है।

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